A Secret Weapon For Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



अपने डर पर एक अच्छी किताब पढ़ने से आपको इससे छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। जिंदगी में जिस विषय को लेकर आप परेशान है या जो चीज आपको सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है,उसके बारे में मोटिवेशनल किताबें पढ़ना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए पहले डर को जानें और इसे पहचान कर इसके बारे में अच्छी किताबें तलाशें और उन्हें पढ़ें।

रजिस्टर करें आइए एक घटना से समझते हैं कि मन के डर को कैसे दूर कर सकते हैं?

डर को कैसे दूर करे

जब आप जीवन में आगे बढ़ते हैं, तो ढ़ेर सारी मुश्किलें आपके रास्ते में आती हैं। खुद को नई चुनौतियों के लिए तैयार रखें और उनका सामना करने के लिए हर संभव प्रयास करें। अपने आप को किसी भी मायने में कमज़ोर या भयभीत न समझें। डर का मज़बूती से सामना करें और आगे बढ़ें।

अपने डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप देखें और जानें कि आपको सबसे ज्यादा डर किस सिचुएशन में लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप मकड़ियों से डरते हैं, तो बिना डरे लगातार उनकी तरफ देखें। अगली बार, आप इसे छूने की कोशिश कर सकते हैं और फिर आखिर में, इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। एक बार जब आप इन सभी स्टेज को पूरा कर लेंगे तो आपके लिए यह संभव है कि आप उन सभी चीजों से दूर हो जाएं जिनसे आप डरते हैं।

अपने डर के विषय में दूसरों से सांझा करें

हमें ऐसा लगता है की जैसे हम कुछ कर ही नहीं पायेंगे और हमें ऐसी स्थिति से बचने के लिए भाग लेना चाहिए.

अगर आप जानना चाहते हैं अपने डर website को कैसे दूर करना है तो आपको अलग रास्ता चुनना होगा, खुद को याद दिलाए आपका मन कैसे बहाने बना रहा है, चीजों को टालने के बजाय उनका सामना करें

हमेशा सकारात्मक रहते हुए ज़िन्दगी को बिताएं. बुरा किसके साथ नहीं होता? सबके साथ होता है. सुख दुःख सबके जीवन में चलते रहते हैं.

परिचय – डर क्या है और यह कैसे पैदा होता है?

“डर मेरा मार्गदर्शक नहीं है – मैं हूँ।”

मानवीय अनुभवों में यदि हम डर के संकेतों को ढूंढने जाएं तो यह शारिरिक संकेतों से भी गहन दिखलाई पड़ता है क्योंकि यहां डर के कुछ ऐसे भी प्रकार हैं जो बहुत घातक है –

अक्सर जब कोई डर के विषय में सोच – विचार करता है, अधिकांशत वे शारीरिक खतरे के विषय में सबसे ज्यादा सोचते हैं जैसे – झगड़े के बीच में चोट लगने का डर, गहरी खाई से नीचे गिर जाने का डर, कभी-कभी डर फोबिया में भी बदल जाता है। फोबिया एक खास तरह का डर है जो हमें किसी निश्चित परिस्थिति, वस्तु या जानवर जैसे – मकड़ी, कॉकरोच, स्टेज पर आकर बोलने से लगता है

तो यहाँ हम डरे, इसीलिए सुरक्षित बचे ना. बस यही कारण है की भगवान् ने हमारे अन्दर डर नाम की एक चीज़ पैदा की, जिससे हम खतरों के पास ना जाएँ और अपने आप को बचा पायें.

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